Not known Facts About Social Media Tips In Hindi
Not known Facts About Social Media Tips In Hindi
Blog Article
वो कहते हैं इसके ज़रिए "प्रचार कम और दुष्प्रचार अधिक दिखता है. पार्टियां संप्रदाय, जाति की बातकर वोट लेने की कोशिश अधिक करती हैं, लेकिन अपनी उपलब्धियों पर उनका कम ध्यान होता है."
इस मामले में उनके राजनीतिक विरोधी कांग्रेस के लोग भी उनके साथ खड़े हैं.
हिमाचल में रेहड़ी-पटरी वालों के पहचान पत्र का मामला, मंत्री और सरकार के अलग-अलग बोल
एक बात जो शायद आपको पता होगी की हम जिसे देखते हैं उसे ज्यादा यद् रख पाते है सुनने की तुलना मैं , क्युकी हमारा माइंड इमेजेज मैं थिंक करता है इसी साएकोलोजी के कारन आज सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर, लिंक्डइन, इन्स्टा आदि पर ज्यादातर वीडियोस नजर आते हैं
आज के समय में अगर कोई सबसे खतरनाक लत बनते जा रही है वह है स्मार्टफोन और सोशल मीडिया का लत होना.
अगली बार जब मैं टिप्पणी करूँ, तो इस ब्राउज़र में मेरा नाम, ईमेल और वेबसाइट सहेजें।
आजकल तो लोग मोबाइल फोन में इतना व्यस्त हो गए हैं कि अपने परिवार एवं मित्रों के साथ क्वालिटी टाइम्स व्यतित करना मानो भूल ही गए हैं.
That’s why it’s so essential that you should reveal the chance to properly browse analytics after which distill them right into a marketing and advertising approach that assists fulfill a company’s ambitions.
बाहरी साइटों का लिंक देने की हमारी नीति के बारे में पढ़ें.
काम पर फोकस ना करना: सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताने से लोग अपने काम पर ध्यान नहीं दे पाते हैं और उसे समय पर पूरा नहीं कर पाते हैं।
साथ ही उपयोगकर्ताओं द्वारा दी गई फीडबैक और कॉमेंट से आप अपनी व्यवसायों को तेजी से बढ़ा सकते हैं.
प्रोएक्टिव और रिएक्टिव ऑडियंस बिल्डिंग
लेकिन बी-टेक कर रहे छात्र प्रज्ञान की सोच इससे अलग है. वो मानते हैं, "हम लोग युवा हैं. अगर कोई नेता व्हाट्सऐप और फ़ेसबुक के ज़रिए प्रचार करते हैं तो हम उनसे सीधा जुड़ जाते हैं और हमें लगता है कि हम उनसे सीधी सीधा जुड़ जाते here हैं. और हमसे वो सीधे वोट मांग सकते हैं."
कोई भी कंपनी जो की स्टार्टअप है या मिड लेवल है उसके पास ज्यादा ऑडियंस नहीं होती शुरुआत मैं तो इस इशू को ओवरकम किया है पोस्ट बूस्टिंग ने
Report this page